Rewa news live: रीवा जिले की बरसैता हायर सेकेंडरी स्कूल बीते कुछ महीनों से चर्चा का विषय बनी हुई है । चर्चा की वजह स्कूल के छात्रों या शिक्षकों की कोई उपलब्धि नहीं बल्कि प्राचार्य की मनमानी है । बरसैता स्कूल की प्राचार्य कविता शुक्ला पर कई आरोप लग रहें हैं । जिनमे भ्रष्टाचार से लेकर लोक शिक्षण आयुक्त के आदेश को अनदेखा करना भी शामिल है।
Rewa news live : समाज सेवी राहुल पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ सालों में शाला व्यापक रूप से भ्रष्टाचार हुआ । जिसकी शिकायत उन्होंने शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से भी की लेकिन अभी तक प्राचार्य के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं हुई है । राहुल पांडेय ने बताया कि उन्होंने प्राचार्य के कारनामों की एक लिस्ट बना रखी है ।
- शाला में पदस्थ शिक्षक राम नरेश कोल का ट्रांसफर 31 अगस्त 2023 को हनुमना के लिए हुआ था लेकिन आज दिनांक तक उसे प्राचार्य द्वारा मुक्त नहीं किया गया है।
- कार्मिक विभाग की अनुमति के बिना स्थानांतरित शिक्षक को मेडिकल लीव और सीएल दिया गया।
- उच्च शिक्षकों के होते हुए भी प्राचार्य ने यूडीटी रामनरेश कोल को एसएमडीसी का सहस्ताक्षरी बना रखा था । और दोनों ने मिलीभगत कर के लाखों रुपयों का गबन किया ।
- रामनरेश कोल डेढ़ महीने तक शाला में अनुपस्थित था जिसकी पुष्टि वहाँ के छात्रों ने की लेकिन शाला उपस्थिति पंजी में उसकी अनुपस्थिति के दिनांक में भी हस्ताक्षर कर उसे शाला में उपस्थित दिखाया गया है ।
- अनुपस्थित रहते हुए उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर का सबसे बड़ा सबूत ये है कि शिक्षक रामनरेश ट्रांसफ़र आदेश को चुनौती देने हाई कोर्ट तक गया लेकिन वहाँ से मामला फिर लोक शिक्षण आयुक्त के पास भेज दिया गया । जहाँ ये 18 दिसम्बर को भोपाल में उपस्थित हुआ लेकिन उस दिन भी शाला के कर्मचारी उपस्थिति पंजी में इसके हस्ताक्षर हैं । मतलब एक ही समय में रामनरेश कोल भोपाल और शाला दोनों जगह उपस्थित था ।
- वित्तीय वर्ष 2021-22 में अतिरिक्त भवन के लिये लगभग 20 लाख रुपये निकाले गए जिससे शाला में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण होना था लेकिन निर्माण कार्य इतना गुणवत्ता विहीन है कि उसमें भी भारी रक़म का ग़बन किया गया है ।
- मानक के अनुरूप कक्षों में ना खिड़की है ना दरवाज़े हैं और पिलर की गहराई ४ फीट से ज़्यादा नहीं है ।और ना ही पिछले हिस्से में प्लास्टर कराया गया है
- 2012 से 2023 तक कभी भी बरसैता स्कूल के सभी छात्रों को छात्रवित्ति नहीं मिली है ।हर साल कुछ बच्चों को छात्रवित्ति से वंचित कर दिया जाता है। लेकिन छात्रवित्ति के पैसे हर साल निकाल लिये जाते थे । समाजसेवी राहुल पांडेय ने आरोप लगाया है कि प्रभारी रामनरेश द्वारा ये राशि अन्य शिक्षकों के खाते में डाल कर वापस निकाल ली जाती थी । इस मामले की शिकायत के बाद जाँच भी हुई थी और अभी ये प्रकरण कमिश्नर के यहाँ लंबित है ।
- जेडी रीवा द्वारा कुछ माह पूर्व स्कूल में जाँच कर के कुछ बिल बाउचर और कैशबुक ज़ब्त किए गए थे लेकिन फिर मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। और उन्हें या तो राजनीतिक दबाव या अन्य किसी कारण की वजह से दबा दिया गया।
- शाला विकास , रेडक्रास, स्काउट गाइड , विवेकानंद रोज़गार के नाम पर शाला के छात्रों से लगभग 3 लाख रुपये वसूले गए लेकिन स्कूल में ऐसा कोई भी कार्य नहीं किया गया। न तो किसी फर्म से कोटेशन लिया और ना ही किसी समिति से प्रस्ताव अनुमोदन कराया गया और ना ही किसी छात्र को रेड क्रॉस या स्काउट गाइड में भेजा गया और वसूली की रकम कथित रूप से प्राचार्य और रामनरेश कोल द्वारा हज़म कर ली गई ।
- ज़िला शिक्षा अधिकारी द्वारा रामनरेश कोल को मुक्त न किए जाने के संबंध में प्राचार्य पर कार्रवाई के लिए जेडी रीवा को पत्र भी लिखा गया था। लेकिन इसके बाद बाद भी अभी तक उसे मुक्त नहीं किया गया ना ही कोई ठोस कार्रवाई हुई है ।
समाजसेवी राहुल पांडेय ने बताया कि उन्होंने कई सूचनाएँ शाला के छात्रों और उनके अभिभावकों से ली है। इतने कारनामों के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी , जेडी से लेकर आयुक्त तक कोई भी कार्रवाई न करने की वजह से इनके हौसलें बुलंद है । इन सभी वित्तीय अनियमितताओं की जाँच अब लोकायुक्त से कराए जाने की बात कही गई है ।
लोक शिक्षण कार्यालय के अधिकारी ने क्या कहा !
इस मामले पर हमने जब लोक शिक्षण कार्यालय से उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि – यह मामला हमारे संज्ञान में है, शिक्षक हाईकोर्ट भी गया था जहां से फिर यह मामला लोक शिक्षण आयुक्त के पास फ़ॉरवर्ड कर दिया गया था । और बरसैता स्कूल में पहले से ही सामाजिक विज्ञान का शिक्षक होने की वजह से उक्त शिक्षक के स्थानातंरण आदेश में कोई संसोधन नहीं किया जाएगा ।
ग्रामीणों में भी आक्रोश,दी आंदोलन की चेतावनी।
प्रिंसिपल की तानाशाही से अब वहां के ग्रामीण भी खासा नाराज है। उनका कहना है कि स्कूल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है ,और बच्चों को जितनी सुविधा व खेल सामग्री शासन द्वारा भेजी जाती है वो पूरी स्कूल के बच्चों को नहीं मिलती हैं। और ये सब प्रिंसिपल कविता शुक्ला और स्थानांतरित शिक्षक रामनरेश कोल की सांठगांठ से होता है। इसलिए यदि उसे अब हटाया नहीं गया तो स्कूल में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया जाएगा।