Who is Bhole Baba: 30 एकड़ में आश्रम,यौन शोषण और जेल…. हाथरस वाले भोले बाबा का काला अतीत !

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Who is Bhole Baba : UP के हाथरस में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा हो गया जहां एक बाबा के कार्यक्रम के बाद भगदड़ मच गई। इसमें महिलाएं और बच्चे फंस गए। लाखों की भीड़ उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ गई और देखते ही देखते शवों के ढेर लग गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं हैं। हाल के सालों में ये सबसे बड़ी त्रासदी है।

भगदड़ उस समय हुई, जब भीड़ भोले बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए टूट पड़ी । और बाबा के वॉलंटियर्स ने भीड़ पर वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी । जिससे लोग फिसल कर जमीन पर गिर गए और फिर , लाखों की भीड़ उन्हें रौंदते हुए निकल गई । हादसे के बाद से भोले बाबा फरार चल रहा है । हादसे के 17 घंटे बाद भी अब तक पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल पाई है। 

Who Is Bhole Baba : भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि का असली नाम सूरज पाल है। बाबा एटा जिले के बहादुर नगरी नामक गांव का रहने वाला है। उसकी शुरुआती पढ़ाई एटा जिले में ही हुई थी। पढ़ाई के बाद बाबा की UP पुलिस में नौकरी लग गई। भोले बाबा उर्फ़ सूरजपाल की UP के 12 थानों में तैनाती रही इसके अलावा कुछ समय इंटेलिजेंस यूनिट में भी तैनात रहा।

28 साल पहले सूरज पाल UP पुलिस के हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान इटावा में भी पोस्टेड था । नौकरी के दौरान ही उसके खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज हुआ और इसके बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त जार दिया गया । इस मामले में बाबा जेल भी गया लेकिन जब वो जेल से छूटा तो उसने अपना नाम सूरजपाल से बदल कर नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और फिर उपदेशक बन गया। 

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Who is bhole baba: धीरे-धीरे लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। इन कामों में उसकी पत्नी ने भी उसका भरपूर साथ दिया ,वो हमेशा समागम में सूरजपाल के साथ रहती है। भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि को उसके अनुयायी परमात्मा भी कहते हैं, और उसकी पत्नी को मां जी कहकर बुलाया जाता है। हर समागम कार्यक्रम में बाबा अपनी पत्नी के साथ शामिल होते हैं,और जब बाबा नहीं होते तो उनकी पत्नी भी प्रवचन देती है । सूत्रों की माने तो तीन महीने से पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से बाबा अकेले ही प्रवचन देने जाते थे। 

30 एकड़ में आश्रम ,कारों का काफिला और भगवान शिव की तरह पूजा 

Who is bhole baba: बाबा का आश्रम में 30 एकड़ में फैला हुआ है। लेकिन इस आश्रम में किसी भी देवी – देवता की मूर्ति नहीं है। 2014 में उसने अपना ठिकाना बदला और बहादुर नगर से मैनपुरी के बिछवा में आ गया और आश्रम का प्रबंधन स्थानीय प्रशासक के हाथों में सौप दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उसके ठिकाना बदलने के बाद भी आश्रम में10 से 12,000 तक लोगों की भीड़ हर दिन आती थी ।

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भोले बाबा उर्फ़ साकार विश्व हरि कारों के काफिले के साथ चलता है। ये बाबा वैसे तो मीडिया से दूरी बना कर रखता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बाबा की गहरी पैठ है। अनुयायी उसे भगवान शिव की तरह पूजते हैं।और इसीलिए उसका नाम भी भोले बाबा पड़ गया।

बाबा ने अपनाया मॉर्डन लुक 

भोले बाबा उर्फ़ साकार विश्व हरी अन्य बाबाओं की तरह भगवा पोशाक में नहीं रहता है । वह अपने प्रवचन के दौरान थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मे में रहता है। बाबा हमेशा सफेद रंग के सूट और बूट ही पहनता है। कभी-कभी कुर्ता-पैजामा और सिर पर सफेद टोपी लगाकर भी वह प्रवचन देने पहुंचता है।

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नौकरी छोड़ने के बाद भगवान से हुआ साक्षात्कार !

Who is bhole baba : भोले बाबा अक्सर अपने समागम/प्रवचन में दावा करता है – 18 साल की नौकरी करने के बाद 90 के दशक में उसने VRS ले लिया। उसे नहीं मालूम कि उसे कौन सरकारी नौकरी से अध्यात्म की ओर खींचकर ले आया ? भोले बाबा ये दावा करता है कि VRS लेने के बाद उसका भगवान से साक्षात्कार हुआ। भगवान की प्रेरणा से उसे ये पता चला,कि यह शरीर उसी परमात्मा का एक अंश है। और इसके बाद उसने अपना पूरा जीवन मानव कल्याण में लगाने का फैसला कर लिया।

 

यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव भी हुए थे समागम में शामिल

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भोले बाबा का सियासी कनेक्शन भी काफी मजबूत है। कई मौकों पर UP के बड़े नेताओं को भी बाबा के मंच पर देखा गया। इसमें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम भी शामिल है। अखिलेश यादव ने जनवरी, 2023 में बाबा के एक समागम में हिस्सा लिया था,जिसकी 4 तस्वीरें भी उन्होंने अपने X अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि – “नारायण साकार हरि की संपूर्ण ब्रह्मांड में सदा-सदा के लिए जय जयकार हो।”

भक्तों से नहीं लिया जाता कोई प्रसाद और चढ़ावा 

साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के आयोजन में कोई भी प्रसाद और चढ़ावा नहीं चढ़ता है । बाबा अपने समागम में कोई साहित्य या सामग्री भी नहीं बेचता और ना ही समागम कार्यक्रमों के लिए श्रद्धालुओं से कोई चंदा लिया जाता है । बाबा के अनुयायी मंच के नीचे से ही बाबा को प्रणाम करते हैं। और यही वजह रही जिससे बाबा के अनुयायी बढ़ते चले गए।

भोले बाबा ने बना राखी है अपनी खुद की आर्मी

Who is bhole baba : भोले बाबा ने खुद की आर्मी भी बना रखी है, जिन्हें सेवादार कहा जाता है। हर मंगलवार को होने वाले बाबा के समागम कार्यक्रम की पूरी कमान इन्ही सेवादारों के हाथों में होती है । सेवादार देश भर से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के भोजन-पानी से लेकर ट्रैफिक तक की व्यवस्था भी करते हैं।

समागम में बंटता है पानी

Who is bhole baba : भोले बाबा के प्रवचन में जो भी भक्त जाता है, वहां उसे पानी दिया जाता है। बाबा के अनुयायी ऐसा मानते हैं कि इस पानी को पीने से उनकी सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। एटा के बहादुर नगर गांव स्थित में बाबा के आश्रम में दरबार लगता है। यहीं आश्रम के बाहर एक हैंडपंप भी है। दरबार के दौरान इस हैंडपंप का पानी पीने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लगती है।

हाथरस के बाद आगरा में था अगला कार्यक्रम

हाथरस से प्रवचन के बाद भोले बाबा का अगला कार्यक्रम आगरा में था। जहाँ 4 से 11 जुलाई तक बाबा का कार्यक्रम होना था और इसके लिए सैंया थाना क्षेत्र में ग्वालियर रोड पर नगला केसरी में तैयारी चल रही थी। इसके पोस्टर भी लग गए थे।

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