Chandigarh Mayer election latest news: चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव की चर्चा पूरे देश में हुई थी। कॉंग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भाजपा पर चुनाव परिणाम में धांधली का आरोप लगाया था । जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँच गया।
Chandigarh Mayer election latest news: चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी.वाय.चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने की। चीफ जस्टिस डी.वाय.चंद्रचूड़ ने चुनाव के बाद प्रीसाइडिंग ऑफिस के उस वायरल वीडियो को भी देखा जिसमें कथित रूप से अधिकारी पर वोटों को रद्द करने का आरोप लगाया जा रहा था. वीडियो देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख़्ती दिखाई है. सीजेआई ने कहा कि;
यह लोकतंत्र का मजाक है. जो कुछ हुआ उससे हम बस स्तब्ध हैं. हम इस तरह लोकतंत्र की हत्या की इजाजत नहीं दे सकते.
इसके साथ ही सीजेआई ने चुनाव का पूरा वीडियो कोर्ट में पेश करने का आदेश देते हुए नोटिस भी जारी किया है.
आपको बता दें माननीय सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप कुमार की चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Mayer election) को चुनौती देने वाली याचिका पर ये नोटिस जारी किया है. इस आदेश के अनुसार सारा रिकॉर्ड हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास सभी दस्तावेज और सभी वीडियो प्रूफ के साथ शाम 5 बजे तक रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को होने वाली चंडीगढ़ नगर निगम की पहली बैठक को भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का आदेश दिया है.
सीजेआई डी. वाय. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा,
हम निर्देश देते हैं कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों (मेयर चुनाव) का पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए. रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस दिया गया है कि वह रिकॉर्ड सौंप देंगे.
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की सुनवाई आज सोमवार से शुरू की है. और आज की सुनवाई के बाद इस मामले को आगामी 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
सीजेआई को सौंपा गया प्रीसाइडिंग ऑफिसर का वीडियो
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की पैरवी कर रहे वकील कुलदीप कुमार ने अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए नए सिरे से मेयर चुनाव करने की मांग की है. इस मामले की सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश डी. वाय. चंद्रचूड़ को चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दिन की वीडियो फुटेज की पेनड्राइव दी । इसी पेनड्राइव में प्रीसाइडिंग ऑफिसर का वो वीडियो भी था, जिसमें कथित रूप से वह मतपत्रों पर कलम चला रहे हैं. इसके अलावा इसमें वो फुटेज भी थी जिसमें मतगणना समाप्त होते ही कथित तौर पर बीजेपी के कैंडिडेट आनन-फानन में पीछे से आ कर मेयर की कुर्सी पर बैठ जाते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने इसे बताया लोकतंत्र की हत्या
मतगणना का वीडियो फुटेज देखने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने (प्रीसाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया है. इसके लिए अधिकारी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए.” इसके साथ ही सीजेआई ने प्रीसाइडिंग ऑफिसर के कैमरे में देखने पर कहा है कि वह कैमरे में क्यों देख रहे हैं? सीजेआई ने वकील को संबोधित करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है,लोकतंत्र की हत्या है हम आश्चर्यचकित हैं. चीफ जस्टिस ने ये भी पूछा कि क्या रिटर्निंग ऑफिसर का व्यवहार ऐसा ही होता है? कृपया रिटर्निंग ऑफिसर को बताएं कि एससी उस पर नजर रख रहा है.”